IndusInd Bank एक और बड़े घोटाले में फंसता नजर आ रहा है। बैंक ने Ernst & Young (EY) को एक दूसरी फॉरेंसिक ऑडिट के लिए नियुक्त किया है, जिसमें ₹600 करोड़ की ब्याज आय से जुड़ी गड़बड़ी की जांच की जाएगी। यह गड़बड़ी बैंक के माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में सामने आई है।
यह मामला तब सामने आया जब बैंक की पिछले वित्त वर्ष की स्टैच्यूटरी ऑडिट के दौरान ऑडिटर्स ने इस ब्याज इनकम में अंतर पाया। इसके बाद सेक्शन 143(12) के तहत Companies Act, 2013 में एक अतिरिक्त रिपोर्ट सौंपी गई, जिससे फॉरेंसिक जांच की प्रक्रिया शुरू हुई।
EY अब जांच कर रहा है कि कहीं इस ब्याज इनकम को लेकर कोई धोखाधड़ी (fraud) या लापरवाही (lapses) तो नहीं हुई है। ये गड़बड़ी मुख्य रूप से वित्तीय वर्ष के दूसरे और तीसरे तिमाही के बीच हुई बताई जा रही है।
🔍 ये मामला क्यों अहम है?
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यह जांच बैंक की पहले से चल रही ₹1,979 करोड़ के फॉरेक्स डेरिवेटिव्स घोटाले से बिल्कुल अलग है, जिसकी जांच Grant Thornton Bharat (GTB) कर रहा है।
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पहले भी EY और KPMG ने 2024 में बैंक के ट्रेजरी और डेरिवेटिव्स से जुड़े अकाउंटिंग प्रैक्टिस में खामियां बताई थीं।
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फॉरेक्स घोटाले से बैंक की नेटवर्थ पर 2.27% का असर पड़ा है।
🧩 अभी तक क्या खुलासा हुआ?
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₹600 करोड़ की ब्याज इनकम से जुड़ी गड़बड़ी माइक्रोफाइनेंस सेगमेंट में हुई है।
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अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह ओवर-अक्रूअल, डिले इन रिकग्निशन, या गलत रिपोर्टिंग है।
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बैंक, EY और GTB की ओर से इस मामले में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की गई है।
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RBI भी इस मामले की बारीकी से निगरानी कर रहा है।